रावण जलाने का आजादी से पहले कोई भी प्रचलन नहीं था क्योंकि राम के अनुसार लक्ष्मण को रावण के बारे में समझाया गया था की रावण एक महा ज्ञानी पंडित है लक्ष्मण को रावण का पैर छूकर रावण की मृत्यु से पहले उस ज्ञान प्राप्त करने हेतु लक्ष्मण जी को आदेश दिया था और हम लोग राम के वंशज होने के कारण व राम की आज्ञा से हम लोग भी रावण की पूजा करते हैं
अतः हम आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं कि यह रावण जलाने की जो प्रथा1947से चली आ रही है उससे हमारी हिंदू धार्मिक भावना आहत होती है तथा हम लोग मूर्ति पूजा पर पूर्णता विश्वास करते हैं
व कुछ लोग जो मूर्ति पूजा पर विश्वास नहीं रखते वह रामायण को गलत तरीके से प्रदर्शित कर रहे हैं व दशहरा कमेटी के अध्यक्ष कार्यकर्ता व सदस्य जो बने हुए हैं वह लोग दूसरे धर्म के हैं यह लोग शुरू से रावण फूख कर मेला व व्यापार करने का कार्य करते हैं वह हिंदू धर्म का गलत व्याख्यान करते हैं जिससे हमारे हिंदू धार्मिक भावना आहत होती है इस पर रोक लगाई जाए मांग करने वालों में नवनीत गुसाई बालेश बवानिया अमित पवार जगमोहन रावत राकेशेश्वर पोखरियाल चिंतन सकलानी डी पी डिमरी सुशील विरमानी राहुल सैनी रामपाल आदि शामिल रहे